Jun 24, 2024
Credit: facebook
Credit: facebook
Credit: facebook
हालांकि कुमार विश्वास आज जिस मुकाम पर है वहां तक उन्हें पहुंचाने में एक किताब का बहुत बड़ा योगदान है
Credit: facebook
माटी कहे कुम्हार से नाम की उस किताब ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। 1 रुपये मूल्य की यह किताब रजनीश ने लिखी थी।
Credit: facebook
उस किताब में एक जगह लिखा था कि अपनी अंदर की आवाज के खिलाफ कभी मत जाइए। अपनी आवाज के खिलाफ जाने का मतलब है, ईश्वर के खिलाफ जाना।
Credit: facebook
वो किताब पढ़ कुमार सोचने लगे कि मुझे कवि बनना है, गाना गाना है, कविताएं सुनानी हैं। पर मैं इंजीनियरिंग की थ्योरी पढ़ रहा हूं।
Credit: facebook
उसी वक्त कुमार विश्वास ने तय किया कि वह इंजीनियरिंग छोड़ रहे हैं। कुमार घर लौटे और उसके बाद से वह कविताएं लिखने और सुनाने लगे।
Credit: facebook
Credit: facebook
Thanks For Reading!