Jun 24, 2024

एक रुपये की वो किताब जिसने बदल दी कुमार विश्वास की जिंदगी, जानिए ऐसा क्या था उसमें

Suneet Singh

कुमार विश्वास आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।

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कुमार विश्वास ने अपनी कविताओं के जरिए पूरी दुनिया में शोहरत पाई है।

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कुमार विश्वास अगर अपने मन की ना सुनते तो वो शायद आज एक औसत इंजीनियर होते।

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एक किताब

हालांकि कुमार विश्वास आज जिस मुकाम पर है वहां तक उन्हें पहुंचाने में एक किताब का बहुत बड़ा योगदान है

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माटी कहे कुम्हार से

माटी कहे कुम्हार से नाम की उस किताब ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। 1 रुपये मूल्य की यह किताब रजनीश ने लिखी थी।

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क्या था उस किताब में

उस किताब में एक जगह लिखा था कि अपनी अंदर की आवाज के खिलाफ कभी मत जाइए। अपनी आवाज के खिलाफ जाने का मतलब है, ईश्वर के खिलाफ जाना।

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सोचने में पड़ गए कुमार विश्वास

वो किताब पढ़ कुमार सोचने लगे कि मुझे कवि बनना है, गाना गाना है, कविताएं सुनानी हैं। पर मैं इंजीनियरिंग की थ्योरी पढ़ रहा हूं।

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कुमार ने छोड़ दी इंजीनियरिंग

उसी वक्त कुमार विश्वास ने तय किया कि वह इंजीनियरिंग छोड़ रहे हैं। कुमार घर लौटे और उसके बाद से वह कविताएं लिखने और सुनाने लगे।

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आज कुमार विश्वास हिंदी साहित्य और कविता की दुनिया का चमकता चांद बन चुके हैं।

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