Nov 17, 2024

तीर खाने की हवस है तो जिगर पैदा कर, जोश को हाई कर देगी ऐसी मोटिवेशनल शायरी

Suneet Singh

कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में ढल गए,कुछ लोग थे कि वक़्त के सांचे में बदल गए।

- मखदूर सईदी

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अपना ज़माना आप बनाते हैं अहले दिल,हम वो नहीं कि जिसको ज़माना बना गया।

- जिगर मुरादाबादी

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अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फ़ैसलाजिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा।

- महशर बदायुनी

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जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैंवही दुनिया बदलते जा रहे हैं।

- जिगर मुरादाबादी

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ख़ुदा तौफीक देता है जिन्हें, वो यह समझते हैं,कि खुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तकदीरें।

- अफ़सर मराठी

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बंदा तो इस इकरार पै बिकता है तेरे हाथ,लेना है अगर मोल तो आज़ाद न करना।

- नज़्म तबातबाई

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वही हक़दार हैं किनारों के,जो बदल दें बहाव धारों के।

- निसार इटावी​

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देख यूं वक़्त की दहलीज़ से टकरा के न गिर,रास्ते बंद नहीं सोचने वालों के लिए।

- फारिग़ बुख़ारी​

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कहिए तो आसमां को ज़मीं पर उतार लाएं,मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए।

शहरयार

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