May 12, 2024

मां बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है..दिल जीत लेंगी मुनव्वर राना की ये शायरी

Suneet Singh

मां पर मुनव्वर राना की शायरी

जब भी मां शब्द आता है तो मुनव्वर की शायरी जरूर याद आ जाती है। आइए देखते हैं मुनव्वर राना की मां के लिए कुछ बेहतरीन शायरीयां:

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Happy Mothers Day Shayari

माँ ख़्वाब में आ कर ये बता जाती है हर रोज़,बोसीदा सी ओढ़ी हुई इस शाल में हम हैं।

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शहर के रस्ते हों चाहे गाँव की पगडंडियाँ, माँ की उँगली थाम कर चलना बहुत अच्छा लगा।

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दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिन,माँ ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है।

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ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर नहीं सकता,मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सज्दे में रहती है।

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तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक,मुझ को अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।

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मुनव्वर माँ के आगे यूँ कभी खुल कर नहीं रोना,जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती।

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जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है, माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है।

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इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।

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