Jan 5, 2023
उत्तराखंड का छोटा सा शहर हल्द्वानी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में बना हुआ है। हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में रेलवे के जमीन पर अतिक्रमण हटाने के मामले में सु्प्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में स्टे लगा दिया है।
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हल्द्वानी को कुमाऊं का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहां पर गौला नदी बहती है। साथ ही यहां पर कई धार्मिक मंदिर और पर्यटन स्थल है।
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कुमाऊं की पहाड़ियों में बसे शीतलादेवी मंदिर में खासकर नवरात्रि और महाशिवरात्रि के वक्त उत्सव होता है। यहां पर शीतला माता को श्रद्धालु नारियल और मिठाई चढ़ाते हैं।
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कुमाऊं की पहाड़ियों में बसे शीतलादेवी मंदिर में खासकर नवरात्रि और महाशिवरात्रि के वक्त उत्सव होता है। यहां पर शीतला माता को श्रद्धालु नारियल और मिठाई चढ़ाते हैं।
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हल्द्वानी के कालाढूंगी से महज चार किलोमीटर दूर स्थित कॉर्बेट वॉटरफॉल पर्यटकों के लिए बरसों से आकर्षण का केंद्र है। ये वॉटफॉल लगभग 60 फीट की ऊंचाई से गिरता है।
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कॉर्बेट फॉल से महज साढ़े चार किलोमीटर दूर जिम कॉर्बेट संग्रहालय है। यहां पर आप महान शिकारी जिम कॉर्बेट से जुड़ी वस्तुओं, पुस्तकों और तस्वीरों को देख सकते हैं।
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हल्द्वानी से महज 38 किमी दूर भवाली के घोड़ाखाल में गोलज्यू देवता का मंदिर है। यहां पर न्याय के देवता गोलू देवता की मूर्ति स्थापित है।
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घोड़ाखाल स्थित गोलू देवता के मंदिर में श्रद्धालु अपनी मन्नत चिट्ठियों के जरिए गोलू देवता को बताते हैं। वहीं, मन्नत पूरी होने पर घंटी चढ़ाते हैं।
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मंदिर से कुछ ही दूरी पर श्यामखेत टी गार्डन है। यहां पर आप पहाड़ियों के बीच चाय के बगान अपनी सुंदरता के लिए पर्यटको के बीच काफी लोकप्रिय है।
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