राहत इंदौरी के 10 मशहूर शेर: दोस्ती जब किसी से की जाए, दुश्मनों की भी राय ली जाए

Apr 12, 2025

राहत इंदौरी के 10 मशहूर शेर: दोस्ती जब किसी से की जाए, दुश्मनों की भी राय ली जाए

Suneet Singh
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।

​लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।​

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मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना।

​मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना।​

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चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है, रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है।

​चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है, रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है।​

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​अब ना मैं हूं ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे।​

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कैसी थी राणा सांगा की हाइट और डाइट, ताकत...

​जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे, किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है।​

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​उसकी याद आई है सांसों ज़रा आहिस्ता चलो, धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।​

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​आंख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।​

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​शाख़ों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम, आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे​

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​न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा​

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