वो मुगल बादशाह जिसे हिंदू रानी ने भेजी थी राखी, लाज बचाने पहुंचा था चित्तौड़

कुलदीप राघव

Aug 30, 2023

प्रमुख त्यौहार है राखी

रक्षा बंधन का पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को होता है।

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Raksha Bandhan Wishes

भाई बहन का पर्व

रक्षा बंधन भाई बहन के असीम प्रेम का पर्व है।

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बहनें बांधती हैं रक्षा सूत्र

इस दिन बहनें अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों की रक्षा का वचन देती हैं।

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रक्षा बंधन की कथाएं

रक्षा बंधन को लेकर कई पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं। ये कहानियां बताती हैं कि रक्षा बंधन मनाने की शुरुआत कब हुई।

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हुमायूं और कर्णावती की कहानी

इन्हीं प्रचलित कहानियों में से एक है मुगल बादशाह हुमायूं और रानी कर्णावती की कहानी।

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इसलिए भेजी राखी

मेवाड़ पर जब बहादुर शाहजफर ने आक्रमण किया तो चितौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी।

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हुमायूं को मिली राखी

रानी कर्णावती ने राखी के साथ एक संदेश भेजा जिसमें उन्होंने हुमायूं से राज्य की सुरक्षा का अनुरोध किया। रानी कर्णावती ने लिखा कि मैं बहन के रूप में आपसे मदद मांग रही हूं।

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फौज लेकर चित्तौड़ पहुंचा हुमायूं

हुमायूं चितौड़ की हिफाज़त करने के लिए अपनी फौज लेकर निकल पड़ा और कई सौ किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद चितौड़ पहुंचा।

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ऐसे रखी राखी की लाज

हुमायूं चितौड़ पहुंचा था तब तक रानी कर्णावती ने जौहर कर लिया था। इसके बाद हुमायूं ने बहादुर शाह से यद्ध किया और जंग में हुमायूं ने बहादुर शाह को शिकस्त दी। इसके बाद हुमायूं ने एक बार फिर रानी कर्णावती के बेटे को उनकी गद्दी वापस दिलाई।

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