Jan 13, 2025

संगम पर कुछ शेर: या इलाहाबाद में रहिए जहां संगम हो, या बनारस में जहां हर घाट पर सैलाब है

Suneet Singh

प्रयागराज में संगम किनारे महाकुंभ मेला सज चुका है। दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचे हैं।

Credit: facebook

संगम पर कई शायरों ने बेहतरीन शेर लिखे हैं। आइए डालते हैं उनमें से चंद पर एक नजर:

Credit: facebook

तीन त्रिबेनी हैं दो आंखें मिरी, अब इलाहाबाद भी पंजाब है

- इमाम बख़्श नासिख़

Credit: facebook

कुफ़्र-ओ-ईमाँ दो नदी हैं इश्क़ कीं, आख़िरश दोनो का संगम होवेगा

- सिराज औरंगाबादी

Credit: facebook

ऐश ही ऐश है न सब ग़म है, ज़िंदगी इक हसीन संगम है

- अली जवाद ज़ैदी

Credit: facebook

या इलाहाबाद में रहिए जहां संगम भी हो, या बनारस में जहां हर घाट पर सैलाब है

- क़मर जमील

Credit: facebook

गले मिलते हैं मौसम से जहां मौसम दिखाएंगे, इलाहाबाद आना हम तुम्हें संगम दिखाएंगे

- मुनव्वर राना

Credit: facebook

सुबह की चाय मैं और तुम यानी हम , तो हुआ न त्रिवेणी संगम

- आशा पंवार

Credit: facebook

गंगा की धारा यमुना से मिलने आई है, यह ऐसा अद्भुत संगम है जो प्रयागराज लेकर आई है

- तनुशा शर्मा

Credit: facebook

Thanks For Reading!

Next: काली साड़ी में लगेंगी तिल-गुड़ सी मीठी, मकर संक्रांति पर यूं पहन जीत लें पिया जी का दिल

Find out More