Oct 14, 2024

जीवन में पाना है ऊंचा मुकाम तो गांठ बांध लें संस्कृत के ये 7 श्लोक, हो जाएंगे सफल

Suneet Singh

संस्कृत मोटिवेशनल श्लोक

संस्कृत के ये श्लोक मंत्र हमें लक्ष्य की प्राप्ति और सफलता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।

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विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।

सच और झूठ में भेद करने का निरंतर अभ्यास ही मोक्ष की प्राप्ति और अज्ञानता के नाश का उपाय है।

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संधिविग्रहयोस्तुल्यायां वृद्धौ संधिमुपेयात्।

युद्ध या शांति दोनों में समान लाभ हो, तो राजा को शांति का ही मार्ग चुनना चाहिए।

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श्लोक से सीख

यह श्लोक हमें परिस्थिति के अनुसार लचीलापन अपनाने और शांतिपूर्ण तरीके से लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करने का संदेश देता है।

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सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्। एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥

हमें जो भी दुःख होता है, वह हमारे वश में नहीं होता। दुःख हमेशा दूसरों के कारण ही प्राप्त होता है, मगर सुख प्राप्त करना हमेशा हमारे हाथ में होता है। हमारे खुद के प्रयासों से ही प्राप्त हो सकता है।

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सुख-दुख के इसी लक्षण को समझ कर हमें सुख-दुख को समान भाव से ग्रहण करना चाहिए।

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अप्राप्यं नाम नेहास्ति धीरस्य व्यवसायिनः।

जिस व्यक्ति में साहस और लगन है उसके लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं है।

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सिंहवत्सर्ववेगेन पतन्त्यर्थे किलार्थिनः॥

जो लोग काम करना चाहते हैं, वे शेर के समान तीव्र गति से कार्य में लग जाते हैं।

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अनारम्भस्तु कार्याणां प्रथमं बुद्धिलक्षणम्। आरब्धस्यान्तगमनं द्वितीयं बुद्धिलक्षणम्॥

कार्य को शुरू न करना बुद्धि का पहला लक्षण है। आरंभ किए गए कार्य को पूरा करना बुद्धि का दूसरा लक्षण है।

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