Medha Chawla
Dec 20, 2024
भारत की संस्कृति की पहचान यहां की वेशभूषा भी है जिसमें साड़ी एक अहम भूमिका निभाती है। भारतीय साड़ी आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।
Credit: Canva
कांजीवरम, बनारसी हो या चंदेरी, ये सभी साड़ियां अपने अलग-अलग रंग-रूप के लिए जानी जाती हैं।
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साड़ी का एक-एक धागा अपनी कहानी और इतिहास को बयां करता है और जो इसकी बनावट के साथ इसकी दिलचस्प कारीगरी के बारे भी बताता है।
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लेकिन क्या आप एक ऐसी साड़ी के बारे में जानते हैं जिस पर भगवान राम और माता सीता के विवाह के चित्र बनाए जाते हैं ? चलिए आपको बताते हैं।
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देसी टसर सिल्क, टसर, घिचा सिल्क, क्रेप, कॉटन और शिफॉन जैसे कई फैबिक्स पर बिहार के मधुबनी क्षेत्र में अद्भुत चित्र बनाए जाते हैं।
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बिहार का मधुबनी क्षेत्र मिथिलांचल में आता है जिसे प्राचीन काल में राजा जनक का राज्य और माता सीता का मायका माना गया है। इसका उल्लेख रामायण में भी है।
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इसी वजह से इन साड़ियों पर माता सीता के विवाह के समय के चित्र उकेरे जाते हैं जिसमें सीता माता की सखी-सहेलियों को भी दिखाया जाता है।
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इन साड़ियों पर मुख्य रूप से बॉर्डर पेंटेड प्रिंट होता है जिस पर बने हुए चित्र पुरानी सभ्यता की किसी न किसी घटना को वर्णित करते हैं।
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आज भी इन साड़ियों पर प्राकृतिक रंगों का ही इस्तेमाल किया जाता है और हाथों द्वारा ही छपाई की जाती है।
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