Dec 15, 2024

बाहर से फूल अंदर से सांप की तरह रहो, मान लें शेक्सपीयर की ये बातें, कभी नहीं हारेंगे

Suneet Singh

जो बीत गई सो बात गई

बीती बात को बार-बार याद कर शोक मनाना, नई मुसीबत बुलाने जैसा है।

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सब्र रखें

वे कितने दीन हैं जिनमें सब्र नहीं! कौन सा घाव कभी ठीक हुआ, लेकिन धीरे-धीरे।

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खुश रहें

जो लुट कर भी मुस्कुराता है, वह चोर से कुछ चुरा लेता है।

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बदले में ना जलें

अपने शत्रु के लिए भट्टी को इतना गर्म मत करो कि तुम स्वयं ही झुलस जाओ।

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जो हुआ भूल जाएं

बीती बात को बार-बार याद कर शोक मनाना, नई मुसीबत बुलाने जैसा है।

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अंदर से सांप बनें

एक मासूम फूल की तरह दिखो, लेकिन अंदर से सर्प की तरह रहो।

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कदम बढ़ाएं

कुछ नहीं से कुछ भी नहीं आएगा। यानी सफल होने के लिए उस दिशा में काम करना जरूरी है।

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उपहार नहीं सम्मान दें

महंगे उपहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है, जिन्हें उपहार दे रहे हैं उनका सम्मान हो।

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शिकायत ना करें

जो हमारी किस्मत में नहीं है, उसके लिए शिकायत करना बेकार है।

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