Jul 12, 2023
अवनि बागरोलादिल वालों की दिल्ली की शान माना जाने वाला लाल किला देश के उन मशहूर टूरिस्ट और एतिहासिक धरोहरों की लिस्ट में शूमार है, जिनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता।
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लाल किले के दिल्ली में होने की सबूत सन् 1638 से हैं। मुगल शासकों ने इसी जगह से 300 सालों तक भारत पर राज किया था।
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लाल किला को सन् 1638 में बनाना शुरू किया गया था और पूरे 10 साल यानी 1648 में इसका निर्माण पूरा हुआ था।
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भारत की गद्दी पर लगभग 30 सालों तक राज किया था। और अपने शासन काल के दौरान ही इस बेहद कीमती किले का निर्माण भी करवाया था।
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1648 में बनकर तैयार हुए लाल किले को बनाने में उस समय करीब 1 करोड़ रुपये लगे थे। इसको बनवाने के लिए खास लाल पत्थर भी लाए गए थे।
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दिल्ली के लाल किले का नाम शाहजहान के दौर में किला-ए-मुबारक था। जिसके पीछे की वजह भी बहुत रोचक है।
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हैरानी की बात ये है कि, लाल किले का रंग हमेशा से लाल था ही नहीं बल्कि सफेद था। आज भी किले के कुछ हिस्से सफेद हैं।
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शाहजहान ने अपनी अपनी सल्तनत की राजधानी को आगरा से दिल्ली शिफ्ट करने का फैसला लिया था, तब पुराने किले में नहीं अपना रुतबा और शान दिखाने के लिए उसने करोड़ों का नया किला बनवाया था।
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पूरे भारत में अपने शासन का ऐलान और ढंका बजवाने और प्रजा में दिखावा करने के लिए ही शाहजहान ने खुद को ये तोहफा मुबारकबाद के तौर पर दिया था।
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