May 23, 2023
माना जाता है कि इसकी शुरूआत युद्ध के समय हुई, क्योंकि लड़ाई को जाते हुए सैनिकों को गोल रोटी कटोरी में बांधकर रखने में आसानी होती थी।
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रोटी की शेप गोल होने के पीछे एक जो महत्वपूर्ण कारण ये है कि इसमें सब्जियां या बाकी फिलिंग्स भरकर आसानी से खाया जा सकता है।
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आटे की गोल लोई को रोटी के शेप में बेलना काफी आसान होता है। जबकि रोटी को किसी और शेप में बेलना काफी मुश्किल काम हो सकता है।
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रोटी की शेप गोल रखने का एक और बड़ा कारण ये है कि गोल करते समय रोटी को हर हिस्से पर बराबर मात्रा में आटा पहुंचता है, वहीं किसी और शेप में ये आसान नहीं होगा।
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गोल के बजाय किसी भी और शेप में रोटी बनाने पर रोटी कही पतली और कही मोटी हो सकती है। इसलिए रोटी को हमेशा गोल ही बनाया जाता है।
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भारत में रोटी बनाने के लिए मुख्य तौर पर गेहूं का ही आटा प्रयोग किया जाता है लेकिन आपको बता दें ज्वार, बाजरा, रागी, बेसन, मक्का आदि के आटे की रोटी भी बनाई जाती हैं।
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क्या आपने कभी सोचा है कि ना केवल रोटी बल्कि पूरी, डोसा, चीला, इडली सब कुछ गोल आकार में ही क्यों बनाया जाता है।
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गोल रोटी को किसी भी और शेप की रोटी के मुकाबले सेंकना काफी आसान होता है, जिससे रोटी के कच्चे रहने की संभावना बहुत कम रह जाती है।
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कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रोटी का गोल होना हमारे जीवन और मृत्यु के चक्र का भी प्रतीक होता है। क्योंकि रोटी हमारे जीवन के जरूरी खाद्य है।
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भारतीय परंपरा के अनुसार हमारे घर में बनने वाली पहली रोटी को गाय को खिलाया जाता है। जो आपके जीवन में शुक्र ग्रह को मजबूत करता है और जीवन में नए-नए अवसर लाता है।
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