Apr 18, 2024
यामी गौतम अपनी प्रेग्नेंसी के फाइनल फेज में हैं। मई में उनकी डिलीवरी होनी है।
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प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर में ही यामी के पति आदित्य धर ने उन्हें रामायण और अमर चित्र कथा लाकर दी है।
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यामी को धार्मिक ग्रंथ पढ़ने की सलाह उनकी बहन ने दी है। दरअसल, यामी की बड़ी बहन पहले मां बन चुकी हैं, इसलिए यामी को कहा कि प्रेग्नेंसी में रामायण जैसे ग्रंथ पढ़ना चाहिए और म्यूजिक सुनना चाहिए।
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अब अगर आपके मन में ये सवाल आ रहे हैं कि प्रेग्नेंसी में ऐसे ग्रंथ क्यों पढ़ने चाहिए तो बता दें कि इस सवाल का जवाब आज हम आपको देंगे।
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चूंकि हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे में अच्छे संस्कार हो तो इसके लिए मां को बच्चे के गर्भ में होने से समय से ही कुछ खास आदतें अपना लेनी चाहिए।
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गर्भवती महिलाएं अगर गर्भावस्था में रामायण पढ़ती हैं तो गर्भ में पल रहे शिशु में भी संस्कार आते हैं। इस प्रक्रिया को गर्भ संस्कार कहते हैं।
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दरअसल, प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर में बच्चे का दिमाग विकसित होता है। ऐसे में मां की मानसिक स्थिति गर्भ में बच्चे तक पहुंचती है।
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जब प्रेग्नेंट महिला रामायण या अमर चित्र कथा पढ़ती हैं तो मां के साथ-साथ शिशु भी एंग्जायटी, स्ट्रेस और दुख की भावना से दूर रहता है।
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इतना ही नहीं, इन धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने से बच्चे में ईश्वर के प्रति विश्वास बढ़ता है, मानसिक स्थिति संतुलित रहती है और बच्चे की कहानियों को समझने की प्रवृति बढ़ती है।
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