Apr 16, 2025
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21 से 22 अप्रैल की रात को आसमान में जमकर लिरिड उल्का बौछार देखने को मिलेगी।
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इस बार आसमान में उल्का बौछार एकदम स्पष्ट दिखाई देंगी, क्योंकि इस बार आसमान में चांद न के बराबर दिखाई देगा।
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लिरिड उल्का बौछार के लिए थैचर धूमकेतु जिम्मेदार है, जो हर 422 साल में सूर्य के पास आता है और इस धूमकेतु के छोटे-छोटे कण जब पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होते हैं तो नजारा आतिशबाजी जैसा होता है।
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लिरिड उल्का बौछार 'लिरा नक्षत्र' की ओर दिखाई देती है और यह घटना हर साल अप्रैल माह में घटित होती है।
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उल्का बौछार देखने के लिए आप लोग किसी खुली जगह पर जाएं जहां से आसमान एकदम साफ दिखाई दें।
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दादियों और नानियों की कहानियों में इन्हें अक्सर टूटते तारों से जोड़ा जाता था और कहा जाता था कि टूटते हुए तारों से की दुआ पूरी होती है। खैर ये तो अपनी-अपनी मान्यताएं हैं।
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