Dec 12, 2024
हमारा सूर्य (एक तारा) और उसके आस-पास के सभी ग्रह एक आकाशगंगा का हिस्सा हैं जिसे मिल्की वे आकाशगंगा के नाम से जाना जाता है। आकाशगंगा तारों, गैस और धूल का एक बड़ा समूह है, जो गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है।
Credit: Canva/iStock
मिल्की-वे एक बड़ी पट्टीदार सर्पिल आकाशगंगा है। रात के समय आसमान में दिखने वाले तमाम तारे हमारी मिल्की-वे आकाशगंगा में हैं।
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आकाशगंगा में मौजूद तारों की गणना करना बेहद मुश्किल है, लेकिन वैज्ञानिक अनुमान के मुताबिक, आकाशगंगा में लगभग 100 बिलियन तारे हैं।
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मिल्की-वे का केंद्र हमारे सौरमंडल से लगभग 25,000 प्रकाश वर्ष दूर है। वहीं, मिल्की-वे का एक छोर, दूसरे छोर से एक लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
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मिल्की-वे के केंद्र तक प्रकाश की गति से अगर पहुंचने की कोशिश की जाए तो 25,000 साल लग जाएंगे, लेकिन यह एक कल्पना मात्र है, क्योंकि द्रव्यमानहीन चीजें ही ऐसी यात्रा कर सकती हैं।
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निर्वात में प्रकाश की अनुमानित गति 1,07,92,52,848.8 किमी प्रति घंटा होती है यानी एक घंटे में प्रकाश एक अरब किमी से ज्यादा दूरी तय कर लेता है और प्रकाश ऐसा अपने द्रव्यमानहीन कणों की वजह से कर पाता है और इससे तेज कुछ भी नहीं है।
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हमारे सूर्य और सौरमंडल को आकाशगंगा के केंद्र की एक बार परिक्रमा करने में 25 करोड़ वर्ष का समय लगता है।
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