Oct 3, 2024
शुक्रयान में 19 पेलोड शामिल होंगे, जिसमें से 16 पेलोड देश में बनेंगे, जबकि अन्य 3 पेलोड स्वीडन, जर्मनी और रूस की मदद से तैयार होंगे।
Credit: iStock
इसरो के मुताबिक, अगर सबकुछ ठीक रहा तो शुक्रयान को 29 मार्च, 2028 को लॉन्च किया जाएगा।
Credit: iStock
शुक्रयान पृथ्वी के जुड़वां ग्रह की सतह पर लगभग 112 दिन बाद यानी 19 जुलाई, 2028 को पहुंचेगा।
Credit: iStock
शुक्रयान मिशन इसरो के लिए बेहद अहम है। इस मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों को भेजना है।
Credit: iStock
इस मिशन के तहत ग्रह की वायुमंडलीय संरचना, सतह की विशेषता, संभावित ज्वालामुखी या भूकंपीय गतिविधियों की जांच की जाएगी।
Credit: iStock
शुक्रयान ग्रह का अध्ययन करने के लिए सिंथेटिक अपर्चर रडार, इन्फ्रारेड और पराबैंगनी कैमरे, सेंसर इत्यादि से लैस रहेगा।
Credit: iStock
शुक्रयान मिशन का पूरा नाम वीनस ऑर्बिटर मिशन है, जिसे पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखाई है।
Credit: iStock
Thanks For Reading!
Find out More