Aug 20, 2024
रक्षाबंधन की पूर्णिमा को दुनिया ने सुपरमून ब्लू मून का दीदार किया। इस दौरान चांद बेहद चमकीला नजर आया।
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अगर आप लोगों ने चांद का दुर्लभ नजारा नहीं देखा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि हमारे पास Supermoon Blue Moon का खास इंतजाम है।
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दुनियाभर में Supermoon Blue Moon का दुर्लभ नजारा रक्षाबंधन के बाद वाली सुबह तक देखा गया।
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तस्वीरों में आम दिनों की तुलना में चांद बेहद चमकीला और अलग तरह का दिखाई दे रहा है।
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जी, हां। ब्लू मून नीले रंग का नहीं होता है, बल्कि चांद को सफेद, लाल और हल्के पीले रंग का ही दिखाई देता है, लेकिन वह अलग स्थिति में होने की वजह से सुपरमून ब्लू मून कहलाता है।
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भारत, रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील, ईराक सहित दुनियाभर के कई देशों से सुपरमून ब्लू मून की तस्वीरें सामने आई हैं।
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सुपरमून शब्द का पहली बार 1979 में खगोलशास्त्री रिचर्ड नोले ने इस्तेमाल किया था। जिसका मतलब ऐसे चांद से होता था, जो पूरा हो। साथ ही जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब 90 फीसद वाले हिस्से में होता है।
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जबकि ब्लू मून शब्द तो सुपरमून शब्द से पहले गढ़ा गया था। बकौल नासा, ब्लू मून शब्द पहली बार 1528 में रिकॉर्ड में आया था।
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