Mar 18, 2025
सुनीता विलियम्स धरती पर भले ही अपने कदम न रखें, लेकिन उनकी वापसी जरूर हो रही है।
Credit: NASA/Space Station
सुनीता विलियम्स ड्रैगन कैप्सूल के जरिए भारतीय समयानुसार, 19 मार्च को 3:30 AM पर समुद्र में लैंड करेंगी।
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इसके बाद सुनीता विलियम्स को स्ट्रैचर पर लाया जाएगा। इस वजह से उनके कदम धरती पर नहीं पड़ सकेंगे।
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लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता और बुच विल्मोर दोनों ही एस्ट्रोनॉट को स्ट्रेचर पर लाया जाएगा और ऐसा सेफ्टी प्रोटोकॉल के चलते किया जाएगा।
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लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और वह अचानक चल नहीं पाएंगे।
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पृथ्वी पर शरीर को गुरुत्वाकर्षण कंट्रोल में रखता है, लेकिन स्पेस में वजनहीनता महसूस होती है और शरीर उस माहौल में ढल जाता है।
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धरती पर एट्रोनॉट्स के लौटने पर उन्हें चक्कर, कमजोरी और स्पेस मोशन सिकनेस जैसी दिक्कतें होती हैं।
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टेक्सास स्थित राइस यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट जॉन डेविट ने बताया कि गुरुत्वाकर्षण की कमी के चलते संतुलन बनाए रखने वाला सिस्टम कमजोर पड़ जाता है।
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