Feb 20, 2025
रात के समय जब आप आसमान देखते हैं तो तारों की रोशनी के अलावा हमें ब्रह्मांड एक अंतहीन काला संसार प्रतीत होता है।
Credit: leonardo.ai
लेकिन आप अगर खगोलीड पिंडो से आने वाली रोशनी को मापें तो इसका औसत रंग क्या होगा?
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सबसे पहले आप यह समझ लें कि ब्रह्मांड काला नहीं है, लेकिन हमें दूर से काला प्रतीत जरूर होता है।
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हमारे ब्रह्मांड में अनगिनत आकाशगंगाएं में असंख्य तारे हैं और इन तमाम आसमानी वस्तुओं की अपनी रोशनी है।
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साल 2002 में खगोलविद इवान बाल्ड्री और कार्ल ग्लेजब्रुक ने हजारों आकाशगंगाओं से आने वाली रोशनी पर शोध किया।
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खगोलविदों ने फिर सब रंगों का औसत निकाला। अगर हमारी नग्न आंखें देख पाती तो ब्रह्मांड का वास्तविक रंग 'वेज' होता है। वेज रंग देखने में हल्का रेतीला पीला होता है।
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शोधकर्ताओं ने ब्रह्मांड के वास्तविक रंग का नाम 'कॉस्मिक लैटे' रखा। इवान बाल्ड्री के मुताबिक, 'कॉस्मिक लैटे' आपको तब दिखाई देगा जब आप ऊपर से ब्रह्मांड को देखेंगे।
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