Oct 15, 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह बहुत तेज और शक्तिशाली होता है। कुंडली में मंगल के शुभ और अशुभ योग जीवन पर कई तरह से प्रभाव डालते हैं।
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कुंडली में अगर मंगल की दशा अच्छी है तो यह जातक को अपार धन, संपदा का मालिक बना देता है। वहीं अगर इसकी दशा बुरी होती है तो यह राजा को भी फकीर बना देता है।
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इस वेब स्टोरी में मंगल की दशा के बारे में जानकारी दी गई है जिसके बारे में पढ़कर आप यह पता लगा सकते हैं कि कुंडली में मंगल आपके लिए कहीं अमंगल तो नहीं है।
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मंगल जब कुंडली में राहु के साथ रहता है तब इससे अंगारक योग बनता है। अगर कुंडली में यह योग बन रहा है तो इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सर्जरी और रक्त से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे लोगों का स्वभाव बहुत क्रूर और नकारात्मक माना जाता है। इस योग की वजह से ऐसे लोग अपने परिवार वालों से ही लड़ने लगते हैं।
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इस अशुभ योग से बचने के लिए हर मंगलवार को व्रत रखना शुभ माना गया है। मंगलवार का व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की पूजा जरूर करें।
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अगर किसी जातक की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें स्थान पर मंगल होता है, तो इससे मंगल दोष का योग बनता है। इन लोगों को मांगलिक कहा जाता है और यह योग इन जातकों के व्यक्तित्व और रिश्तों को बहुत कमजोर बना देता है। विवाह संबंधों को भी यह दोष बहुत संवेदनशील बना देता है।
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मंगल दोष से बचने के लिए जातकों को रोज हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिए। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है उन्हें जमीन पर सोना चाहिए।
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जब कर्क राशि में मंगल नीच हो जाता है तब नीचस्थ मंगल योग बनता है। इस योग की वजह से आत्मविश्वास और साहस कम होता है। ऐसे जातकों में खून की कमी रहती है।
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जिन जातकों की कुंडली में नीचस्थ मंगल रहता है उन्हें तांबा पहनना चाहिए। गुड़ और काली मिर्च का सेवन करना भी लाभदायक माना गया है।
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शनि मंगल को अग्नि योग भी कहा जाता है। जिस जातक की कुंडली में यह योग बनता है उनके साथ जानलेवा घटनाएं हो सकती हैं। ऐसे लोगों को दुर्घटनाओं, हवाई यात्रा और हथियार से सावधान रहना चाहिए। इस योग से पीड़ित जातकों को हर सुबह अपने माता पिता के पैर छूने चाहिए।
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