कुलदीप राघव
Mar 18, 2023
आचार्य चाणक्य के मानव जीवन की अहम बातें अपने नीतिशास्त्र में बताई है। इसमें उन्होंने मनुष्यों के अवगुणों के बारे में भी बहुत कुछ लिखा है।
Credit: BCCL/Wikipedia
आचार्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के अवगुण दूसरे व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर सकते हैं। इसलिए किसी से भी दोस्ती करने से पहले उसके गुण व अवगुणों पर ध्यान देना जरूरी होता है।
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, एक शिक्षित और बुद्धिमान व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को सफलता के शिखर पर पहुंचाने की कोशिश करता है। ऐसे लोगों से जरूर दोस्ती करनी चाहिए।
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वहीं अशिक्षित लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग अपनी अज्ञानता से खुुद तो बर्बाद तो होते ही हैं, साथ में अपने आसपास के लोगों को भी पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं।
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आचार्य चाणक्य कहते हैं, लालच की भावना हर व्यक्ति में बहुत खतरनाक होती है, लेकिन यह भावना अगर किसी मित्र में आ गई तो उससे तुरंत दूरी बना लेना ही बेहतर होता है।
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लालची लोग लालच में फंस कर गलत काम करते रहते हैं और मुसीबत मोल लेते हैं। इस मुसीबत से इनके आसपास रहने वाला व्यक्ति भी नहीं बच पाता है।
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आचार्य चाणक्य के अनुसार, अहंकार हर मानव के लिए बहुत विनाशकारी होता है। यह उस व्यक्ति को तो बर्बाद करता है ही साथ ही घर-परिवार व आसपास के लोगों की सुख-समृद्धि भी छीन लेती है।
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ऐसे अहंकारी लोगों से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी दोनों ही नाराज रहती हैं। ऐसेे लोग न तो अपने ज्ञान-बुद्धि का उपयोग कर पाते है और न ही जीवन में सफल हो पाते हैं। ये लाेेगसभी को बर्बाद कर देते हैं।
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इसलिए किसी भी व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले उसके अंदर के गुण व अवगुण को पहचानना बेहद जरूरी है।
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