Sep 1, 2023
Jayanti Jhaधार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम करने चले जाते हैं और फिर देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इस समय को चतुर्मास के नाम से जाना जाता है।
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चतुर्मास के समय किसी भी प्रकार का कोई मांगलिक कार्य नहीं होता है। विवाह, जनेऊ आदि इस महीने में नहीं किये जाते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के निंद्रा में चले जाने के बाद इस संसार का पालन भगवान शिव करते हैं।
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चतुर्मास के दौरान सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागना और सूर्य देव की पूजा करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
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चतुर्मास के समय जमीन पर सोना बहुत ही शुभ होता है। साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसके कई फायदे होते हैं।
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चतुर्मास के समय के समय तरक्की के लिए गरीबों में अन्न का दान करें। ऐसा करना फलदायी माना जाता है।
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चतुर्मास में गौ दान करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सारे दोष समाप्त हो जाते हैं।
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इस दौरान छाते का दान भी शुभ होता है। इससे घर में सुख समद्धि आती है।
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चतुर्मास में वस्त्र का दान करें। इसे करने से जीवन में आ रही सारी परेशानियों का समाधान होता है।
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