Oct 10, 2022
धनतेरस से दीपावली के पर्व की शुरुआत होती है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है। इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर को है।
Credit: iStock
धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा अपने घरों में करते हैं।
Credit: iStock
धनतेरस के दिन धन्वंतरी देव की पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार, धन्वंतरी देव की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है। आरोग्य जीवन को सबसे बड़ा धन माना गया है।
Credit: iStock
इस दिन कुबेर देवता की पूजा करने की भी परंपरा है। कुबेर देवता की पूजा करने से धन लाभ का आशीर्वाद मिलता है।
Credit: iStock
धन्वंतरी देव और कुबेर देवता के साथ धनतेरस पर यमदेव की भी पूजा होती है। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य दरवाजे पर दीप जलाए जाते हैं। इसके साथ एक दीपक मुख्य द्वार के दक्षिण दिशा में भी जलाने की परंपरा है। इस दीपक को यम का दीपक कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से मृत्यु का डर दूर होता है।
Credit: iStock
धनतेरस पर लोग खरीदारी जरूर करते हैं। इस दिन खील-बताशे के साथ श्रृंगार का सामान, सोना, चांदी, संपत्ति, वाहन आदि की खरीदारी करने की परंपरा है। कहा जाता है धनतेरस के दिन लोगों को कुछ ना कुछ जरूर खरीदना चाहिए।
Credit: iStock
दीपावली पूजन के लिए धनतेरस पर मूर्ति खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों पर ध्यान अवश्य देना चाहिए।
Credit: iStock
कहा जाता है धनतेरस पर घर में मौजूद पुराने या टूटे बर्तनों को बाहर निकालना चाहिए। बर्तनों को धन और संपदा का प्रतीक माना गया है इसीलिए इस दिन पुराने बर्तनों की जगह घर में नए बर्तन लाने चाहिए।
Credit: iStock
ऐसे तो लोग धनतेरस पर सोने और चांदी की खरीदारी करते ही हैं लेकिन इस दिन सोने या चांदी के सिक्के खरीदने का विशेष महत्व है। इन सिक्कों की पूजा होती है फिर इन्हें महालक्ष्मी में शामिल किया जाता है।
Credit: iStock
धनतेरस पर दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन कई लोग अपनी राशि के अनुसार दान-पुण्य करते हैं।
Credit: iStock
Thanks For Reading!
Find out More