Ganga Nadi Facts: गंगा का पानी अमृत क्यों? किससे हुई थी इनकी शादी
लवीना शर्मा
ऐसे प्रकट हुईं गंगा
धार्मिक मान्यताओं अनुसार गंगा का जन्म ब्रह्मा के कमंडल से हुआ था। वहीं अन्य मान्यता अनुसार भगवान विष्णु के अंगूठे से गंगा प्रकट हुई थीं इसलिए इन्हें विष्णुपदी कहा जाता है।
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हिमवान की पुत्री
एक कथा के अनुसार गंगा हिमवान और मीना की पुत्री हैं, इस प्रकार वे देवी पार्वती की बहन भी हैं।
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जाह्नु ऋषि की पुत्री
पौराणिक मान्यताओं अनुसार जैसे राजा दक्ष की पुत्री माता सती ने हिमालय के यहां पार्वती के नाम से जन्म लिया था वैसे ही माता गंगा ने अपने दूसरे जन्म में ऋषि जह्नु के यहां जन्म लिया था।
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धरती पर कैसे उतरी गंगा
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार गंगा माता को धरती पर लाने के लिए ऋषि भागीरथ ने घोर तपस्या की थी। उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा धरती पर आईं थीं।
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धरती पर कब आईं मां गंगा
कहते हैं वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मां गंगा स्वर्गलोक से सबसे पहले भगवान शिव की जटाओं में पहुंची और फिर गंगा दशहरा के दिन धरती पर उतरीं।
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गंगा किसकी पत्नी थीं
गंगा ने राजा शांतनु से विवाह किया था। भीष्म इन्हीं के पुत्र थे। कहते हैं गंगा ने अपने सात पुत्रों को नदी में बहा दिया था।
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गंगा का पानी अमृत क्यों
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत कुंभ का अमृत गंगा नदी में दो जगह गिरा था। पहला प्रयाग और दूसरा हरिद्वार। जिस वजह से इनका पानी अमृत माना जाता है।
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गंगा का उद्गम स्थान क्या है
गंगोत्री हिमनद उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है, जहां से गंगा निकलती है। सर्वप्रथम गंगा का अवतरण होने के कारण ही यह स्थान गंगोत्री कहलाया।
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हरिद्वार को कहते हैं गंगा द्वार
हरिद्वार को गंगा द्वार भी कहते हैं क्योंकि यहीं से गंगा पहाड़ों से उतरकर मैदानी इलाके में आगे बढ़ती है।