Apr 6, 2023
6 अप्रैल को चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन देशभर में हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव कार्यक्रम होता है।
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हनुमानजी को चिरंजीवी माना जाता है यानी की अजर अमर। वे आज भी सशरीर मौजूद हैं।
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हनुमान जी की तरह 6 चिरंजीवियों को भी अमर होने का वरदान मिला है। अश्वत्थामा उनमें से एक हैं। इन सप्त चिरंजीवियों का वर्णन सप्त चिंरजीवी मंत्र में मिलता है- अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:। कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
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भक्त प्रहलाद के वंशज राजा बलि की दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने इनका द्वारपाल बनना स्वीकार किया था। राजा बलि भी चिरंजीवी हैं।
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महाभारत काल में परम तपस्वी ऋषि, कौरवों और पांडवों के गुरु कृपाचार्य भी सप्त चिंरजीवियों में शामिल हैं।
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गवान विष्णु के दशावतारों में एक परशुराम भी सप्त चिरंजीवी हैं और सशरीर धरती पर मौजूद हैं।
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चारों वेदों ऋग्वेद, अथर्ववेद, सामवेद और यजुर्वेद के संपादक और 18 पुराणों के रचनाकार वेदव्यास भी सप्त चिरंजीवी हैं।
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रावण के छोटे भाई और श्रीराम के भक्त विभीषण भी चिरंजीवी हैं।
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इन सप्त चिरंजीवियों के अलावा अष्ट चिरंजीवी के रूप में भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मार्कंडेय का नाम आता है। उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र सिद्ध किया और वे चिरंजीवी बन गए।
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