Jan 28, 2025
By: Medha Chawlaअग्नि को हिंदू धार्मिक संस्कृति में अत्यंत ही पवित्र माना गया है। इसे ब्रह्मांड की शुद्धि करने वाली शक्ति के रूप में पूजा जाता है।
Credit: canva
अग्नि को देवताओं और मनुष्यों के बीच संवाद का माध्यम माना जाता है। यज्ञ में दी गई आहुति द्वारा प्रार्थनाएं देवताओं तक पहुंचाई जा सकती है।
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मान्यताओं के अनुसार अग्नि को सत्य और न्याय का प्रतीक माना जाता है। इसे साक्षी मानकर संकल्प और वचनबद्धता जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं।
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हिंदू संस्कृति के सोलह संस्कारों में अग्नि को विशेष स्थान प्राप्त है। यज्ञोपवीत, विवाह, और अंत्येष्टि, सभी में अग्नि की मान्यता है।
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अग्नि हर चीज को जलाकर शुद्ध कर देती है। इसे मनुष्य आत्मा और शरीर की शुद्धि का प्रतीक भी माना जाता है।
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अग्नि को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिविध शक्ति का रूप भी माना जाता है। ये तीनों भगवान जगत के पालन, नियंत्रण और संहार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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अग्नि पंच तत्वों में से एक है, इसे ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है। ये प्रकाश और गर्मी प्रदान करती है।
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विवाह में वर-वधु सात फेरे लेते समय अग्नि को साक्षी मानते हैं, जिससे इस बंधन को देवताओं की उपस्थिति में पूर्ण किया जाता है।
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यज्ञ और होम में अग्नि का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें डाली गई चीजें देवताओं तक पहुंचती हैं।
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