Sep 28, 2022
इस दिन महिलाएं 16 शृंगार करती हैं। हाथ में मेंहदी लगाती हैं। नए वस्त्र पहनती हैं।
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जिन महिलाओं का पहला करवाचौथ है उन्हें इस दिन शादी का जोड़ा पहनकर चौथ पूजन करना चाहिए। अगर शादी का जोड़ा न पहन पाएं तो उसकी जगह लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनें।
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करवा चौथ के दिन सुबह सरगी के साथ दिन की शुरुआत होती है। पहली बार करवा चौथ करने वाली महिलाओं को उनकी सास सरगी के रूप में मिठाइयां,कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं।
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इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं। अन्न और जल बिल्कुल भी ग्रहण नहीं करती हैं।
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पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही महिलाओं को उनके मायके से कुछ मिठाइयां, तोहफे और मेवे भेंट किए जाने की रस्म है, यही रस्म बाया कहलाती है। ये रस्म पूजा शुरू होने से पूर्व ही हो जानी चाहिए।
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इस व्रत में कथा सुनना बेहद जरूरी होता है। महिलाओं को सच्चे मन से और ध्यान से करवा चौथ व्रत की कथा सुननी चाहिए।
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करवा चौथ की पूजा बहुत सी महिलाएं इकट्ठे होकर करती हैं। साथ में व्रत कथा सुनती हैं। इस दिन पूजा के समय करवा चौथ के गीत और भजन गाना शुभ माना जाता है।
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पूरे दिन निर्जला व्रत करने के बाद शाम को स्त्रियां पूजा करके चंद्रमा को जल का अर्घ्य देती हैं। फिर चलनी से चांद और पति को देखती हैं और फिर कुछ मीठा खाकर और पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं।
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ऐसी लड़कियां जिनका विवाह तय हो गया है वो भी इस व्रत को कर सकती हैं।
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