Dec 12, 2023
द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में लाखों सैनिक और योद्धाओं की जान गई थी।
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महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था। कुरुक्षेत्र में लड़े जाने के कारण इस युद्ध को कुरुक्षेत्र का युद्ध भी कहा जाता है।
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भगवान श्रीकृष्ण ने महायुद्ध में कई ऐसी लीलाएं रचीं, जिससे इंसान को ज्ञान और शक्ति का बोध हुआ। उन्होंने बिना अस्त्र और शस्त्र उठाए पांडवों को युद्ध में जीत दिलवाई।
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श्रीकृष्ण की इन्ही लीलाओं में से एक लीला युद्ध से पहले हर रोज मूंगफली खाना भी थी। मूंगफली खाने के पीछे का रहस्य इतना बड़ा था कि इसके केवल उडूपी के राजा ही जानते थे।
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कथा के अनुसार, जब महाभारत युद्ध की घोषणा हुई तब धर्म-अधर्म के नाम पर कुछ राजाओं ने कौरवों का साथ दिया तो कुछ ने पांडवों का। लेकिन उडूपी के राजा ने किसी का पक्ष नहीं लिया।
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उडूपी के राजा भगवान श्रीकृष्ण के पास आए और दोनों पक्षों के योद्धाओं के भोजन की जिम्मेदारी लेने की आज्ञा मांगी।
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आज्ञा मिलने के बाद राजा के सामने बड़ी समस्या थी कि हर रोज कितने लोगों के लिए भोजन बनाएं, क्योंकि हर दिन कई योद्ध वीरगति को प्राप्त होंगे। अगर भोजन कम रहा तो सैनिक भूखे रह जाएंगे और अगर ज्यादा हुआ तो मां अन्नपूर्णा का अपमान होगा।
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इस समस्या का सामाधान देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा, 'मैं युद्ध से पहले हर दिन उबले हुए मूंगफली के दाने खाउंगा। जिस दिन जितने मूंगफली के दाने खाऊं, उस दिन उतने हजार सैनिक युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो जाएंगे।'
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भगवान कृष्ण की इस लीला और रहस्य के बारे में उडूपी के राजा को छोड़कर धरती के किसी भी मनुष्य को नहीं पता था और इसतरह हर दिन बचे हुए सैनिकों को भरपूर भोजन मिलता रहा
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