Oct 1, 2023

इस ग्रंथ को अपनी मां मानते थे महात्मा गांधी, नियमित करते थे इसका पाठ

Laveena Sharma

महात्मा गांधी पर श्रीमद्भागवत गीता का काफी गहरा असर था। वे नियमित इसका पाठ करते थे।

Credit: Times Now Digital

​महात्मा गांधी के गीता पर विचार

महात्मा गांधी जी ने गीता को लेकर एक गहरी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है तो मैं गीता को एक उम्मीद की किरण के रूप देखता हूं।

Credit: Times Now Digital

गीता पर थी अटूट आस्था

गांधी जी कहते थे कि गीता में मुझे एक छंद मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है। मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूं।​

Credit: Times Now Digital

गांधी जी कहते थे कि जो व्यक्ति गीता का भक्त होता है, उसके जीवन में कोई निराशा नहीं होती।

Credit: Times Now Digital

महात्मा गांधी गीता को ‘गीता मैया’ कहा करते थे।

बापू एक स्थान पर लिखते हैं- मेरी मां तो बचपन में ही दिवंगत हो गईं थीं। मां के न रहने पर प्यार-दुलार, संसार का ज्ञान और मार्गदर्शन मुझे मिला है गीता मैया से।

Credit: Times Now Digital

श्रीमद्भगवद्गीता सनातन धर्म का महान ग्रंथ है जो हर किसी का मार्गदर्शन करता है।

Credit: Times Now Digital

अनेक महापुरुषों ने गीता को कर्तव्य ज्ञान का अप्रतिम कोश कहा है।

Credit: Times Now Digital

गीता के ज्ञान को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्धभूमि में खड़े होकर दिया था।

Credit: Times Now Digital

Thanks For Reading!

Next: Personality Test: हंसने के अंदाज से जानें स्वभाव

Find out More