Oct 1, 2023
Credit: Times Now Digital
महात्मा गांधी जी ने गीता को लेकर एक गहरी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जब कभी संदेह मुझे घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है तो मैं गीता को एक उम्मीद की किरण के रूप देखता हूं।
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गांधी जी कहते थे कि गीता में मुझे एक छंद मिल जाता है, जो मुझे सांत्वना देता है। मैं कष्टों के बीच मुस्कुराने लगता हूं।
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बापू एक स्थान पर लिखते हैं- मेरी मां तो बचपन में ही दिवंगत हो गईं थीं। मां के न रहने पर प्यार-दुलार, संसार का ज्ञान और मार्गदर्शन मुझे मिला है गीता मैया से।
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