Nov 28, 2024
Medha Chawlaपौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या की विशेष महत्वता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति के संकट दूर होते हैं।
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सनातन हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने और दान पुण्य करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है।
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पितृ दोष से बचने के लिए लोग अमावस्या को तर्पण और पिंडदान करते हैं ताकि उन्हें और उनके परिवार को पूर्वजों का आशीर्वाद मिल सके।
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लेकिन क्या आप इसकी सही तिथि और मुहूर्त को जानते हैं ? तो चलिए आपको मार्गशीर्ष अमावस्या की सही डेट बताते हैं।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 30 नवंबर, शनिवार को सवेरे 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी।
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ये तिथि अगले दिन 1 दिसंबर, रविवार को सवेरे 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी, इस नाते इसी दिन स्नान और दान किया जाएगा।
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वहीं पितरों की पूजा-पाठ और पितृ दोष से बचने के लिए किए जाने वाला पिंडदान 30 नवंबर को किया जाएगा।
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अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा का भी विशेष प्रचलन है। ऐसी मान्यता है कि इससे शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
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कुछ लोग इस पवित्र दिन पर मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए व्रत भी करते हैं।
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