Oct 5, 2023

सात फेरों के बिना अधूरी मानी जाती है शादी, जान लें क्या है इसका मतलब

Jayanti Jha

​​विवाह ​

​​विवाह वो पवित्र बंधन है जो न सिर्फ दो लोगों का मिलन ही नहीं है ये एक जिम्मेंदारी भी है। जो दोनों को मिलकर निभानी होती है।​

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​​​​हिंदू धर्म ​

​​हिंदू धर्म के विवाह संस्कारों में 7 की संख्या का विशेष महत्व होता है। जैसे सात फेरे, सात शब्द, सात वचन।​

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धार्मिक मान्यता है कि हिंदू प्रथा में सात फेरे के बिना विवाह संपन्न नहीं होता।

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हिंदू संस्कृति में शादी में सात फेरे लेने का संबंध सात जन्मों का बंधन माना जाता है।

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​​वर-वधू​

​अग्नि को साक्षी मानकर वर-वधू सात फेरे लेते हैं और सात जन्मों तक एक साथ रहने का वचन देते हैं।​

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​हिंदू प्रथा​

हिंदू प्रथा में इन सात फेरों और वचन का महत्व है दो लोगों का शारीरिक और आत्मिक रूप से एक हो जाते हैं।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि हिंदू विवाह में वैधता के लिए सप्तपदी अनिवार्य है।

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ऐसा कहते हैं कि मनुष्य सात जन्म लेता है, इसलिए वर-वधु को सात जन्मों का साथी माना जाता है।

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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक फेरे के माध्यम से एक- एक वचन लिया जाता है।

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