क्यों प्रयागराज में विराजमान हैं हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति, जानिए इसका रहस्य

Feb 14, 2025

क्यों प्रयागराज में विराजमान हैं हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति, जानिए इसका रहस्य

Laveena Sharma
लेटे हनुमान जी का मंदिर

​लेटे हनुमान जी का मंदिर​

प्रयागराज की पावन भूम‍ि पर संगम किनारे हनुमान जी का ऐसा अनोखा मंदिर है जहां पर इनकी 20 फुट लंबी प्रतिमा लेटी हुई अवस्था में विराजमान है।

Credit: canva

दक्षिणाभिमुखी प्रतिमा

​दक्षिणाभिमुखी प्रतिमा​

हनुमान जी की ये प्रतिमा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बनी है और जमीन के स्तर से 6-7 फुट नीचे मौजूद है।

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पौराणिक मान्यता

​पौराणिक मान्यता​

ऐसी मान्यता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी थकान के कारण संगम तट पर लेट गए थे जिसके चलते आज यहां पर उनकी लेती हुई प्रतिमा स्थापित है।

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​प्रतिमा का स्वरूप​

हनुमान जी के बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबे पड़े हैं। इनकी भुजाओं में श्री राम और लक्ष्मण और गदा विराजमान हैं।

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​प्रतिमा का स्वरूप​

हनुमान जी के बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबे पड़े हैं। इनकी भुजाओं में श्री राम और लक्ष्मण और गदा विराजमान हैं।

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​600-700 वर्ष पुराना मंदिर​

इस मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा ने करवाया था, जिनकी कोई संतान नहीं थी और उन्होंने अपने गुरु के आदेश पर हनुमान जी की इस प्रतिमा स्थापित करवाया था।

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​मुगलों की कोशिश​

मुगल शासकों ने हनुमान जी की इस प्रतिमा को हटाने की कई बार कोशिश की थी लेकिन उनका हर प्रयास विफल रहा तथा उनके कई सैनिक रहस्यमयी तरीके मारे गए।

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​स्नान के बाद दर्शन ​

संगम में कुंभ स्नान के बाद इस मंदिर में दर्शन करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इसके बिना कुंभ की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

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​लोक मान्यता ​

लोक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में दर्शन करने से हनुमा�� जी की भक्तों सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।

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