Medha Chawla
Feb 19, 2025
बारिश एक प्रकृति का वो उपहार है जो पूरे वातावरण को नमी और खुशी प्रदान करता है। सूरज से तपती धरती बरसात के बाद पुनः खिल उठती है।
Credit: canva
हिंदू मान्यताओं में विवाह के दिन वर्षा का होना अत्यंत ही शुभ होता है जिससे जुड़ी कई मान्यताएं हैं जो की कुछ इस तरह से हैं।
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बारिश को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है जिससे नव विवाहित जोड़े का जीवन सुख और शांति से भरा रहता है।
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बारिश के शुद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। इससे विवाह का बंधन पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो सकता है।
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जैसे बारिश के बाद धरती खिल उठती है वैसे ही बरसात में हुई शादी के बाद वर-वधु का जीवन नई खुशियों से भर जाता है।
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार बारिश में शादी होने से दांपत्य का रिश्ता मजबूत हो सकता है तथा उनका बंधन कभी नहीं टूटता है।
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हिंदू धर्म में बारिश को भगवान इंद्र की कृपा माना जाता है, जिससे विवाह संस्कार को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है और आने वाले वंश को भी आशीर्वाद मिलता है।
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कुछ परंपराओं में इसे अशुभ माना जाता है क्योंकि इसे आंसुओं और कठिनाइयों का प्रतीक समझा जाता है। ये हवन कुण्ड को बुझा भी सकती है, जिसे अपवित्र माना जाता है।
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कुछ स्थानों पर मान्यता है कि शादी के दिन बारिश होने से दांपत्य के जीवन में संघर्ष अधिक हो सकता है। लेकिन वहीं कुछ मान्यताएं कहती हैं कि इससे संतान सुख की प्राप्ति जल्दी होती है।
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