क्या होता है तपस्या का असली मतलब, शरीर में गर्मी पैदा करने से कहीं गहरा है इसका अर्थ
Medha Chawla
सनातन धर्म
सनातन हिंदू धर्म में योग-अभ्यास का भी विशेष महत्व है। इसी योग में तप या तपस्या का उल्लेख मिलता है।
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क्या कहा राहुल गांधी ने
हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में तपस्या का मतलब शरीर में गर्मी पैदा करना बताया है। लेकिन शास्त्रों में तपस्या का अर्थ इससे कई अधिक गूढ़ है।
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तप क्या है
तपस्या एक वैदिक क्रिया है। इसके अनुसार आध्यात्मिक शुद्धि और आत्म-अनुशासन के लिए ध्यान, उपवास, या त्याग जैसे शारीरिक और मानसिक अभ्यास करना जरूरी होता है।
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भारतीय परंपरा में तपस्या
प्राचीन परंपराओं के अनुसार तप आध्यात्मिक जीवन की आधार-शिला है। ये जीवन के कई रहस्यों को सुलझाता है।
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वेदों में तपस्या का उल्लेख
वेदों के अनुसार तपस्या का अर्थ है अपना सारा समय, ऊर्जा और ध्यान एक आध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त करने पर लगा देना।
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तपस्या का महत्व
तपस्या करने से मन पवित्र होता है और व्यक्ति छल, कपट, ईर्ष्या, और द्वेष के भावों से दूर होता है साथ ही उसे अलौकिक शांति मिलती है।
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पुरुषार्थ और तपस्या
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार भगवान कृष्ण ने कहा है कि मनुष्य जीवन की आधार पुरुषार्थ है जिसमें निष्काम भाव से कर्म करना ही तपस्या कहलाता है।
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शिव पुराण में तपस्या
शिव पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
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नोट
इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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