May 20, 2024
घर बनवाते समय वास्तु के नियम का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। वास्तु के नियमों के विरुद्ध जाने पर घर में निगेटिविटी बढ़ती है और घर के सदस्यों और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
Credit: canva
खासतौर से बात करें किचन की तो, घर का रसोईघर सबसे खास है। यहां पूरे परिवार के लिए खाना बनता है और घर की महिलाएं सबसे ज्यादा समय यहीं पर बिताती हैं।
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तो आज हम वास्तु शास्त्र के अनुसार यह बात जानेंगे कि घर में किचन की सही दिशा कौन सी है। साथ ही ये भी जानेंगे की किचन का चूल्हा और पानी का नल किस दिशा में होना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का किचन हमेशा अग्नि कोण में होना चाहिए, यानी पूर्व-दक्षिण दिशा में। किचन में खाना बनाने के लिए अग्नि का प्रयोग होता है। जिसकी सही दिशा अग्नि कोण है।
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किचन में पानी का नल ईशान कोण में होना चाहिए यानी उत्तर-पूर्व दिशा में। यह जल के देवता वरुण देव का स्थान भी माना जाता है।
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वास्तु के अनुसार किचन में लगी खिड़की पूर्व दिशा में होनी चाहिए और किचन का चूल्हा खिड़की के बाहर की तरफ नहीं दिखना चाहिए।
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वास्तु के अनुसार घर की रसोई में पीला रंग, हल्का लाल रंग या गुलाबी रंग करवाना चाहिए। क्योंकि यह अग्नि देव से संबंधित रंग हैं।
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घर की रसोई में कभी भी काला या नीला और डार्क शेड रंग नहीं करवाना चाहिए। ऐसा करना अशुभता को दर्शाता है।
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वास्तु के अनुसार अगर किचन से सटा हुआ शौचायल हो तो घर के सदस्यों को बीमारियां घेरी रहती हैं।
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