Dec 14, 2024

दान कितने प्रकार के होते हैं?

Medha Chawla

कर्म-काण्ड

भारत देश के हर कर्म-काण्ड किसी न किसी उद्देश्य से जुड़े हैं। हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा-विधियां सनातन संस्कृति का आधार हैं जो प्राचीन काल से चली आ रही हैं।

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दान का महत्व

प्राचीन काल से ही दान की परंपरा चली आ रही हैं। शास्त्रों के अनुसार हर मनुष्य को अपने जीवन में निष्काम भाव से दान करना चाहिए। हिंदू धर्म में मुख्य 5 दान वर्णित हैं।

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गौ दान

सभी प्रकार के दानों में इस दान को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दान से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इस दान से पितृ दोष भी खत्म होता है। इस दान को दांपत्य साथ में मिलकर करते हैं।

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अन्‍न दान

अन्‍न दान की परंपरा हर व्रत-त्‍योहार में देखने को म‍िलती है। अन्‍न दान का अर्थ है जरूरतमंदों में पांच अनाजों का दान करना जैसे क‍ि - गेहूं, जई, चावल, राई और जौ।

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कन्‍या दान

ये गृहस्त जीवन का सबसे प्रमुख दान माना जाता है जिसमें पिता अपनी पुत्री की जिम्मेदारी वर के हाथ में सौंप देता है। इस दान से लड़की के माता-पिता को यश की प्राप्ति होती है।

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विद्या दान

विद्या वो अस्त्र है जिससे समाज की बुराइयों से लड़ा जा सकता है। विद्या दान में मनुष्य दूसरों में ज्ञान और बोध को उजागर करने लिए किताबों का या धार्मिक शास्त्रों का दान करता है।

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पुरुषार्थ मानव

पुरुषार्थ मानव जीवन के उस लक्ष्य को केंद्रित करता है जो उसे जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। पुरुषार्थ के मुख्य स्तंभ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं जिसपर मानव जीवन आधारित है।

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दान क्‍या है ?

मानव जीवन के सबसे प्रमुख लक्ष्यों में से एक है दान करना। दान का अर्थ है अपनी जीविका या आय में से कुछ हिस्से को जरूरतमंदों को देना जिससे उनका भला हो।

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भूमि दान

प्राचीन काल में राजा-महाराजा अपने पैत्रिक संपत्ति में से भूमि का दान किया करते थें। इस दान के अंतर्गत व्यक्ति अविवादित भूमि या जमीन को ब्राह्मणों में दान करता है।

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