Aug 30, 2023

Bhadra Kya Hai: भद्रा क्या बला है, इस दौरान क्यों नहीं मनाते रक्षा बंधन

Laveena Sharma

धार्मिक पुराणों के अनुसार भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है।

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यह स्वभाव की कठोर और उथल-पुथल मचाने वाली होती है

पंचांग में इसे काल गणना में विशेष स्थान दिया गया है। इसके स्वभाव की वजह से ही शुभ व मांगलिक कार्य हमेशा भद्रा से पहले या बाद में करने की सलाह दी जाती है।

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भद्रा काल में दो कार्य विशेष तौर पर नहीं किए जाते। पहला राखी बांधना और दूसरा होलिका दहन।

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क्योंकि भद्रा को अशुभ माना जाता है इसलिए इस मुहूर्त में शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

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पौराणिक कथा के अनुसार जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह पूरी सृष्टि में तबाही मचाने लगी।

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जहां पूजा-पाठ व अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्य होते थे वहां जाकर उसमें रुकावट पैदा करती थी।

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इसलिए इसे पाताल लोक में भेजा गया जिससे धरती पर बिना किसी रुकावट के पूजा-पाठ किए जा सके।

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लेकिन कुछ समय के लिए भद्रा धरती पर आती है और उस समय को अशुभ मुहूर्त माना जाता है।

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जब शूर्पणखा ने रावण को भद्रा में बांधी थी राखी

​​एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी। जिसकी वजह से रावण समेत उसके पूरे कुल का नाश हो गया था।​

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इसलिए कहा जाता है कि भद्रा में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए।

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