Dec 11, 2024

BY: Medha Chawla

बहुत राज छिपे हैं तारों की दुनिया के पीछे, कैसे बनते हैं नक्षत्र और इनकी मान्यता

तारों की दुनिया

आकाश में अगर चांद न भी रहे तो तारों से जगमग आसमान सभी का मन मोह लेता है। तारों की दुनिया से जुड़े हुए कई तथ्य हिंदू धर्म में देखने को मिलते हैं।

Credit: canva

तारे और नक्षत्र

आकाश में दिखने वाले तारों के समूह को नक्षत्र कहते हैं। तारों की गणना और नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र के मूल आधारों में से एक माने जाते हैं।

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नक्षत्र की मान्यता

नक्षत्र से जुड़े हुए तथ्य अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदांग ज्योतिष में मिलते हैं। नक्षत्र व्यक्ति के जीवन पर कई मायनों में प्रभाव डालते हैं।

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कुंडली और नक्षत्र

मनुष्य के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, वही उस व्यक्ति का जन्म नक्षत्र माना जाता है। इससे व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वभाव और भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है।

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नक्षत्र के प्रकार

वैदिक ज्योतिष के अनुसार आकाश में कुल 27 नक्षत्र होते हैं। मान्यताओं के अनुसार 12 राशियों में से हर एक के 2 से 3 नक्षत्र होते हैं।

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नक्षत्रों का महत्व

हिंदू धर्म के सभी महीनों के नाम नक्षत्रों के नाम पर ही रखें गये हैं। सनातन धर्म के जितने भी कर्म-काण्ड हैं उनमें नक्षत्रों को देखा जाता है ताकि वो कार्य सिद्ध हो।

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नक्षत्रों का राजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। ये 27 नक्षत्रों में से आठवां नक्षत्र होता है। पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं।

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रोहिणी क्या है ?

रोहिणी 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र है जो क‍ि वृषभ राशि के चौथे चरण में स्थित पांच तारों का समूह होता है। मान्‍यताओं के अनुसार इसे नक्षत्रों की रानी भी कहा जाता है।

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सप्त ऋषि

सप्तर्षि तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में दिखने वाला एक तारामंडल है। इसमें सात तारे होते हैं जो सात ऋषियों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि क्रतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, अंगिरस, वाशिष्ठ और मारीचि हैं।

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