Apr 11, 2023

क्या है 'हाइब्रिड सूर्य ग्रहण' जो 100 साल बाद लग रहा है, 3 राशियों के लिए है भारी

लवीना शर्मा

​2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। जिसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण नाम दिया गया है।

Credit: iStock

भारत में यहां दिखाई देगा

सूर्यग्रहण की शुरुआत 20 अप्रैल की सुबह 07:05 से होगी और इसकी समाप्ति दोपहर 12:29 पर होगी।

Credit: iStock

हिंदू पंचांग अनुसार ये सूर्य ग्रहण वैशाख मास की अमावस्या को लगेगा।

Credit: iStock

​हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा

​ये हाइब्रिड सूर्य ग्रहण या वार्षिक रिंग ऑफ फायर ग्रहण भारतीय और प्रशांत महासागरों में कुछ सेकंड के लिए ही दिखाई देगा।

Credit: iStock

क्या होता है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण

ये आंशिक, कुंडलाकार और और पूर्ण सर्य ग्रहण का एक संयोजन होता है जो कुछ सेकंड के लिए ही दिखाई देता है।

Credit: iStock

आसमान में दिखाई देगी 'रिंग ऑफ फायर'

इस सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा की धरती से दूरी न तो ज्यादा होती है और न ही कम। इस अद्भुत सूर्य ग्रहण के समय कुछ सेकंड के लिए एक वलय यानी रिंग जैसी आकृति बनती दिखाई देती है। जिसे ‘अग्नि का वलय’ या रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है।

Credit: iStock

100 साल बाद लग रहा है ऐसा सूर्य ग्रहण

जानकारी अनुसार ऐसा सूर्य ग्रहण 100 साल बाद लगने जा रहा है। 20 अप्रैल को लगने वाले इस हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में एक ही दिन में 3 तरह के सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे। यानी सूर्य ग्रहण को तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में देखा जाएगा।

Credit: iStock

ज्योतिष जानकारों अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण वृषभ, मिथुन, धनु और मीन राशि वालों के लिए शुभ साबित होगा।

Credit: iStock

मालामाल होंगी ये राशियां

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण इन राशियों के लिए अशुभ

ये सूर्य ग्रहण सिंह, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि वालों के लिए अशुभ साबित होगा।

Credit: iStock

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: आज का राशिफल 11 अप्रैल 2023

ऐसी और स्टोरीज देखें