Dec 19, 2024
एक अच्छा वैवाहिक जीवन सबकी चाह होती है। लोग अपने होने वाले जीवनसाथी के लिए कई मन्नतें और प्राथनाएं मांगते है ताकि उनका जीवन प्यार से भरा रहें।
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कभी-कभी आपसी झगड़ों और दूसरे की बातों में आ कर हंसता-खेलता जोड़ा अलग होने का फैसला कर लेता है।
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कुछ परिस्थितियों की वजह से पुरुष या स्त्री को दूसरा विवाह भी करना पड़ सकता है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है ?
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली में विवाह का योग तब बनते हैं जब शुक्र और गुरु ग्रहों का आपस में शुभ संबंध हो या सप्तम भाव में शुभ ग्रह जैसे चंद्र, बुध, बृहस्पति हों।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली के सप्तम भाव या चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह छठे या बारहवें भाव में होता है तो दांपत्य जीवन में तलाक की संभावना बनती है।
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शास्त्रों के अनुसार जातक के जीवन दूसरी शादी का योग तब बनता है जब शनि और राहु या केतु की युति या सप्तम भाव में शनि की दृष्टि हो।
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मान्यताओं के अनुसार राहु के कारण यदि तलाक हो रहा है तो दक्षिण-मुखी हनुमान मंदिर में सात शनिवार तक शाम के समय दांपत्य सात नारियल चढ़ाएं।
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ऐसा माना जाता है कि बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन प्रेम रस से भरा रहता है।
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इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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