Khatushyam Ji: श्रीकृष्ण को दान में दे दिया शीश, जानें बाबा खाटू श्याम की दिलचस्प कहानी
Laveena Sharma
बाबा खाटू श्याम जी का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। ये पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे।
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ऐसी मान्यता है कि खाटू श्याम जी की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण जी ने इन्हें कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था।
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खाटू श्याम जी की कहानी महाभारत काल से जुड़ी है। हिडिम्बा और भीम के पुत्र थे घटोखा और घटोखा के पुत्र थे बर्बरीक।
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जब कौरवों और पांडवों में युद्ध हुआ तो भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक से पूछा कि वो किनकी तरफ है। तो उन्होंने जवाब दिया कि जो पक्ष हारेगा वो उसकी ओर लड़ेंगे।
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क्योंकि भगवान कृष्ण युद्ध का परिणाम जानते थे ऐसे में उन्हें डर था कि कहीं पांडवों पर युद्ध उल्टा न पड़ जाए। ऐसे में श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को रोकने के लिए दान मांग लिया।
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दान में श्री कृष्ण ने उनसें उनका शीश मांगा। बर्बरीक ने भी अपना शीश तुरंत दान दे दिया।
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भगवान श्रीकृष्ण उनके बलिदान से प्रसन्न हुए और बर्बरीक को कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया।
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