Jan 31, 2023
मेधा चावलानीम करोली बाबा का कैंची धाम आश्रम सन् 1964 में समुद्री सतह से करीब 1400 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया था। आश्रम में ज्यादातर भक्त अमेरिका से आते हैं। यह नैनीताल के पास है।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
सन्यास लेने से पहले नीम करोली महाराज का नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण परिवार में जन्में बाबा को लोग लक्ष्मण दास, हांडी वाले बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलैया बाबा भी कहते हैं।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
नीम करोली बाबा अपने आप को साधारण मनुष्य ही समझते थे, तथा कभी भी किसी को अपने पैर नहीं छूने देते थे।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
रिचर्ड एलपर्ट (रामदास) द्वारा लिखी गई किताब मिरेकल ऑफ लव में बाबा की बुलेटप्रूफ ब्लैंकेट का जिक्र है। जिसे वे हमेशा पहने रखते थे। कैंची धाम आश्रम में लोग आज भी कंबल दान करते हैं।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
बाबा नीम करोली की शादी 11 साल की उम्र में हो गई थी। उनके दो बेटे और एक बेटी है। महाराज का बड़ा बेटा भोपाल में रहता है, वहीं छोटे बेटे का कुछ समय पहले निधन हुआ है।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, जूलिया रॉबर्ट्स समेत कई विदेशी हस्तियां बाबा के भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं। उनके मुताबिक कैंची धाम आश्रम आकर उनका जीवन बदल गया है।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
कैंची धाम आश्रम में ही एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी लॉन्च करने का ख्याल आया था।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
नीम करोली बाबा का निधन वृंदावन में 11 सितंबर 1973 के दिन हुआ था। अपनी समाधि के लिए ये जगह उन्होंने खुद तय की थी।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
भारी ठंड के कारण साल के ज्यादातर दिन आश्रम बंद रहता है। आश्रम जाने के लिए आपको पहले से अनुमति लेनी होती है, जिसके बाद आप 3 दिन वहां रुक सकते हैं।
Credit: Neemkarolibaba-com-Wiki
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स