Jun 18, 2023

भगवान शिव ने दशानन को क्यों दिया रावण नाम, जानें इसका अर्थ

लवीना शर्मा

रावण के अनेक नाम

रावण को दशानन, लंकापति, लंकेश इत्यादि नामों से जाना जाता है। लेकिन इनमें सबसे प्रसिद्ध है उनका रावण नाम।

Credit: twitter

भगवान शिव का परम भक्त था रावण

एक बार रावण भगवान शिव की अराधना कर रहा था। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उसने अपना सिर काटकर भगवान शिव को अर्पित कर दिया। रावण की भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उसे दशानन होने का वरदान दिया।

Credit: twitter

भगवान शिव को कैलाश से लंका लाना चाहता था रावण

रावण भगवान शिव का बड़ा भक्त था। वो शिवजी को कैलाश से लंका ले जाना चाहता था। लेकिन शिवजी तप में मगन थे।

Credit: twitter

रावण ने कैलाश पर्वत को ही उठा लिया

भगवान शिव को लंका ले जाने के उद्देश्य से रावण कैलाश पर्वत को ही उठाने लगा।

Credit: twitter

शिवजी ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबा दिया

रावण जैसे ही पर्वत को उठाने लगा शिवजी ने अपने पैर के अंगूठे से पर्वत को दबा दिया। जिससे कैलाश पर्वत के नीचे रावण का हाथ भी दब गया।

Credit: twitter

दर्द में भी रावण भगवान शिव की भक्ति करता रहा

रावण का हाथ पर्वत के नीचे दब गया और वह दर्द से चिल्ला उठा 'शंकर शंकर' - जिसका मतलब था क्षमा करिए और वह महादेव की स्तुति करने लगा। इस स्तुति को ही शिव तांडव स्तोत्र कहते हैं।

Credit: twitter

दशानन की भक्ति से प्रसन्न होकर शिव ने दिया उसे रावण नाम

कहा जाता है कि इस स्तोत्र से प्रसन्न होकर ही शिव जी ने लंकापति को 'रावण' नाम दिया था।

Credit: twitter

रावण नाम का अर्थ

रावण का मतलब है- जो तेज आवाज में दहाड़ता हो।

Credit: twitter

शिव ताण्डव स्तोत्र या शिवताण्डवस्तोत्रम् लंकापति रावण द्वारा गाया भगवान शिव का स्तोत्र है।

Credit: twitter

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: वृश्चिक राशि के हैं Rahul Gandhi, जानिए इस राशि वालों के दिलचस्प राज

ऐसी और स्टोरीज देखें