Jan 21, 2025
BY: Medha Chawlaघर की दादी-नानियों को परंपरा और विज्ञान, दोनों का ही भरपूर ज्ञान होता है। आमतौर पर ये सिर्फ मान्यताओं का ही आधार नहीं है बल्कि इसके पीछे कुछ खास तर्क भी होते हैं।
Credit: canva
हिंदू धर्म में मेहंदी का श्रृंगार विशेष महत्व रखता है। इसे शुभता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है जो हाथों की सुंदरता बढ़ाता है।
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दादी-नानी प्रेग्नेंसी के समय घर की महिलाओं को मेहंदी न लगाने की सलाह देती हैं क्योंकि इससे गर्भवती महिलाओं को नुकसान पहुंच सकता है।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं के लिए मेहंदी लगाने का समय और ग्रहों का प्रभाव विशेष महत्व रखता है, जिसकी जानकारी होना जरूरी है।
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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मेहंदी का संबंध शुक्र ग्रह से होता है, जो प्रेम और समृद्धि का प्रतीक होता है, लेकिन गर्भावस्था के समय में ग्रहों दिशा अलग हो सकती है।
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अगर गर्भवती महिला की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो मेहंदी लगाने से उसके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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गर्भावस्था के समय अगर कुंडली में शनि, राहु या केतु प्रबल हैं तो मेहंदी लगाने से मानसिक तनाव और चिंताएं बढ़ सकती हैं।
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आर्टिफिशियल और केमिकल युक्त मेहंदी से त्वचा में एलर्जी या रिएक्शन हो सकता है, जो गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
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प्रेगनेंसी के दौरान नेचुरल और हर्बल मेहंदी का उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है, इससे त्वचा स्वस्थ रहती है।
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