Jan 25, 2023
श्रीकृष्ण और राधा (Radhi ji) को प्रेम, त्याग व समर्पण का प्रतीक माना जाता है, राधारानी के 'किशोरी जी' (Kishori Ji) बनने के पीछे रोचक कथा है
Credit: Instagram
राधारानी जी को 'किशोरी जी' मिलने के पीछे एक वरदान है जो ऋषि अष्टावक्र ने उनको दिया था
Credit: Instagram
पद्म पुराण के अनुसार, वह बरसाना के प्रतिष्ठित गुर्जर (चेची वंश) राजा वृषभानु गोप की पुत्री थी एवं लक्ष्मी अवतार थीं।
Credit: Instagram
ऋषि अष्टावक्र के टेढ़े-मेढ़े अंगों के कारण उनका लोग उपहास उड़ाते थे,
Credit: Instagram
एक बार ऋषि अष्टावक्र बरसाना गए थे तो वहां राधा रानी श्री कृष्ण के साथ विराजमान थीं अष्टावक्र जी को देख श्री राधा रानी धीमी-धीमी मुस्कुराने लगीं
Credit: Instagram
जैसे ही अष्टावक्र जी ने उन्हें यूं मुस्कुराता देखा तो वह क्रोध वश राधा रानी को भी श्राप देने लगे
Credit: Instagram
लेकिन श्रीकृष्ण ने ऋषि अष्टावक्र से अनुरोध किया कि एक बार राधारानी से मुस्कुराने की वजह तो जानें
Credit: Instagram
श्री राधा रानी ने कहा की वह अष्टावक्र जी के अंतर्मन में समाहित श्री कृष्ण की छवि देखकर हंस रही हैं
Credit: Instagram
अष्टावक्र के भीतर का ज्ञान और उस ज्ञान के स्रोत कृष्ण की मनोरम छवि से श्री राधा रानी आनंदित हो रही हैं
Credit: Instagram
ऋषि अष्टावक्र राधा जी की बात से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने राधा जी को आजीवन किशोरी रहने का वरदान दिया, तभी से श्री राधा रानी को किशोरी जी कहा जाने लगा
Credit: Instagram
आज भी ब्रज की हर बालिका को किशोरी जी का ही रूप माना जाता है राधा रानी की किशोरी रूप में पूजा भी की जाती है और उनका भव्य श्रृंगार भी होता है
Credit: Instagram
Thanks For Reading!
Find out More