Jul 25, 2023

क्या खास खूबियों वाला ये क्रिकेट बैट देखा है, ऐसे हुआ लापता

शिवम अवस्थी

सबसे अनोखा क्रिकेट बैट

क्रिकेट इतिहास में कई प्रकार के बल्ले आए और गए लेकिन ये बल्ला सबसे दिलचस्प और अनोखा निकला। इसे कहते हैं मोंगूज बैट (Mongoose Bat)। इसका आकार नेवले जैसा था जिससे इसका नाम भी वही रखा गया।

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मैथ्यू हेडन ने बनाया लोकप्रिय

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ओपनर मैथ्यू हेडन आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए पहली बार इस बल्ले को सबके सामने लाए। सबने सवाल उठाए, लेकिन इसी बल्ले से जब चौके-छक्के निकले तो सब दंग रह गए।

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आईपीएल 2010 में गरज उठा मोंगूज बैट

आईपीएल 2010 में दिल्ली की टीम के खिलाफ हेडन ने इसी बल्ले से 43 गेंदों में 93 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली तो दुनिया देखती रह गई। उन्होंने इस बल्ले की खूबियां भी लोगों को बताईं।

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आम बैट से बहुत अलग

आम बैट से इसका हैंडल काफी लंबा होता है, और इसके नीचे के हिस्से में आम बल्ले से तीन गुणा ज्यादा लकड़ी होती है। इससे बल्लेबाज यॉर्कर और नीची फुल टॉस को पूरी ताकत से खेल सकता है।

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ये भी हैं खूबियां

ये आम क्रिकेट बैट से काफी हल्का है और सबसे खास बात कि बैट का 'स्वीट स्पॉट' यानी वो जगह जहां से सबसे बेहतरीन शॉट लगते हैं, वो इसमें आम बैट से 120 प्रतिशत बेहतर होता है।

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बल्ला टूटने या क्रैक आने की गुंजाइश कम

मोंगूज बैट में किसी आम बल्ले की तरह जल्द नहीं टूटता या इसमें जल्दी क्रैक नहीं आता। यूं तो आजकल के बल्ले भी बेहद मजबूत हैं लेकिन फिर भी कई मौके देखे गए हैं जब बल्ले कभी बीच से तो कभी किनारे से टूट जाते हैं।

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क्या कपिल ने सबसे पहले किया इस्तेमाल?

जब कपिल देव ने 1983 विश्व कप में 175 रनों की चर्चित पारी खेली थी, तो माना जाता है कि वो मोंगूज बैट ही था। उसका आकार ठीक वैसा ही था। हालांकि उस समय उनको लोकप्रियता नहीं मिली।

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भारत में भी बनने लगे

हेडन के बाद जब सुरेश रैना ने इसका इस्तेमाल किया तो भारत में भी मोंगूज बैट लोकप्रिय होने लगा और लोग इसको बनवाने भी लगे थे।

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लेकिन ऐसे हुआ लापता

आपको बता दें कि किसी भी क्रिकेट बोर्ड ने कभी इस बल्ले पर बैन नहीं लगाया, हां इसको इस्तेमाल करने से बचने की सलाह जरूर दी। लेकिन बाद में इस बल्ले की कुछ बड़ी खामियां भी सामने आईं जिसमें रैना का फीडबैक भी शामिल था। और धीरे-धीरे ये बल्ला चलन से बाहर होता गया।

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कश्मीर विलो और इंग्लिश विलो

आज क्रिकेट का आम आकार वाले बल्ले ही इस्तेमाल हो रहे हैं जिनमें शीर्ष स्तर पर अधिकतर इंग्लिश विलो (लकड़ी) के बने होते हैं और कश्मीर विलो भी मौजूद है लेकिन इंग्लिश विलो की लोकप्रियता सबसे अधिक है।

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