Jun 20, 2023

धोनी की टक्कर का सिर्फ एक ही था, दिलचस्प है ये किस्सा

शिवम अवस्थी

धोनी जैसा कोई नहीं

महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में क्रिकेट जगत का वो नाम बन चुके हैं जिनकी मौजूदगी ही फैंस के लिए काफी होती है।

Credit: BCCI/Twitter

आज भी खिलाड़ी याद करते हैं

धोनी की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई हो चुकी है, लेकिन आज भी ना सिर्फ फैंस बल्कि साथी खिलाड़ी भी उनकी कमी महसूस करते हैं।

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आकाश चोपड़ा ने बयां किया खुलासा

पूर्व भारतीय क्रिकेटर व कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने धोनी को लेकर एक पुराना किस्सा बयां किया है। उन्होंने बताने की कोशिश की है कि कैसे धोनी ने चंद शब्दों से खुद को साबित कर दिया था।

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मामला 2004 का है

चोपड़ा के मुताबिक 2004 में जब धोनी और कार्तिक इंडिया-ए टीम में थे। तब धोनी रिजर्व खिलाड़ी थे और कार्तिक मुख्य विकेटकीपर। तभी एक दिन अभ्यास सत्र में चोपड़ा धोनी से मिले।

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कार्तिक बैटिंग और धोनी बॉलिंग कर रहे थे

चोपड़ा ने धोनी से पूछा, "तुम उसको बॉलिंग क्यों कर रहे हो? वो तुम्हारा प्रतिद्वंद्वी है। वो अच्छा खेला तो तुम टीम में नहीं आ पाओगे। तुमको बैटिंग-कीपिंग का अभ्यास करना चाहिए। गेंदबाजी क्यों?"

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धोनी ने दिया ये जवाब

धोनी ने चोपड़ा से कहा- प्लीज मुझे रोको नहीं, मैं बॉलिंग करना चाहता हूं। अगर तुम्हें बल्लेबाजी करनी है, तो आ जाओ, मैं तुम्हें भी गेंदबाजी करूंगा।

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धोनी की बात चोपड़ा अब समझे

चोपड़ा आज कहते हैं कि उस दिन को याद करता हूं तो अब समझ आता है कि धोनी कार्तिक या किसी और से मुकाबला नहीं करते थे, उनकी टक्कर खुद से थी।

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माही का पाठ

चोपड़ा के मुताबिक धोनी खुद को ही अपना प्रतिद्वंद्वी मानते रहे और इसी वजह से इतने सफल बने। आप अपना सर्वश्रेष्ठ रूप बनो, तुम ही अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी हो।

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धोनी की टक्कर का सिर्फ एक

धोनी की टक्कर का अगर कोई था, तो वो खुद ही थे। उन्होंने अपने पूरे करियर में इसकी झलक दिखाई। ना किसी की नकल की, ना कुछ अतिरिक्त। बस अपनी मेहनत से खुद को बेहतर बनाते गए।

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सब कुछ हासिल हुआ

धोनी ने अंतरराष्ट्रीय करियर में अपनी कप्तानी में भारत को आईसीसी की सभी ट्रॉफी जिताईं। उन्होंने करियर में 17,092 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए और सर्वश्रेष्ठ फिनिशर और कीपर भी रहे।

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