Jul 24, 2023
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के खेल के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व भी औरों से जुदा था।
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सौरव गांगुली ही वो कप्तान रहे जिन्होंने विदेशी जमीन पर भारत को आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए प्ररित किया और काफी हद तक उसमें सफल भी रहे।
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वो टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तो नहीं खेले, लेकिन वनडे क्रिकेट में उन्होंने देश को कई यादगार जीत दिलाईं और 2003 विश्व कप फाइनल तक भी पहुंचाया, हालांकि वहां भारत को ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया था।
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गांगुली क्रिकेट के मैदान पर अपनी पारी के बाद क्रिकेट प्रशासन में भी शीर्ष तक गए। वो बीसीसीआई अध्यक्ष बने और उसी रुतबे के साथ भारतीय क्रिकेट को संभाला।
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सौरव गांगुली को महाराजा जैसे नामों से भी पुकारा गया लेकिन एक नाम जो सबसे लोकप्रिय हुआ, वो है दादा। लेकिन क्या आपको पता है कि एक भारतीय पुरुष क्रिकेट इतिहास के एक दिग्गज को 'दादी' नाम से भी पुकारा जाता है।
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दरअसल, सौरव गांगुली खुद ही वो क्रिकेटर रहे जिनको दुनिया दादा बुलाती थी लेकिन उनको दादी भी बुलाया जाता है। बस फर्क इतना ही है कि उनको दादी सिर्फ एक ही महान क्रिकेटर बुलाया करता रहा है।
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सौरव गांगुली को सभी बेशक दादा बुलाते हैं लेकिन सचिन तेंदुलकर उनको दादी बुलाते आए हैं। आज भी जब वो उनको बर्थडे विश करते हैं तो दादी ही लिखते हैं। इसके पीछे की वजह भी सचिन ने बताई है।
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सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में ये खुलासा किया कि वो गांगुली को तब से जानते हैं जब वे 13 साल के थे और क्रिकेट कैम्प में मिले थे। उसी दिन से सचिन ने गांगुली को दादी बुलाना शुरू किया था और आज भी सिलसिला जारी है।
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सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने काफी छोटी उम्र से साथ क्रिकेट खेला और फिर देश के लिए भी खेलने उतरे। यही वजह रही कि उनके रिश्ते काफी मजबूत थे।
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सौरव गांगुली ने क्रिकेट खेला, फिर कुछ समय क्रिकेट कमेंट्री की, फिर बोर्ड के सीएसी सदस्य बने, फिर बीसीसीआई अध्यक्ष बने और अब एक बार फिर वो कमेंट्री कर रहे हैं और इस भूमिका में भी वो बेहद खुश ही नजर आते हैं।
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