Dec 16, 2024
सैटेलाइट कनेक्शन के मामले में स्टारलिंक दुनिया पर राज करता है। यह 100 से ज्यादा देशों में इस्तेमाल किया जाता है।
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लेकिन अब चीन स्टारलिंक से सीधे मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है और यह हजारों सैटेलाइट को तैनात करेगा।
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चीन अपनी लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) इंटरनेट प्लान में लगभग 38,000 सैटेलाइट को तैनात करने की योजना बना रहा है, ताकि स्पेसएक्स के स्टारलिंक के साथ प्रतिस्पर्धा की जा सके।
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स्पेसएक्स के स्टारलिंक के पास फिलहाल 7,000 के करीब सैटेलाइट हैं। और कंपनी इस टारगेट को 42,000 सैटेलाइट तक विस्तार करने का टारगेट कर रही है।
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स्टारलिंक के अलावा, यूटेलसैट वनवेब (630 सैटेलाइट) और अमेजन के प्रोजेक्ट Kuiper(3,000 सैटेलाइट) जैसे अन्य खिलाड़ी भी LEO सैटेलाइट की रेस में हैं।
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चीन स्टारलिंक को एक खतरे के रूप में देखता है क्योंकि यह बिना सेंसर किए इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है, जो घरेलू और इससे संबंधित क्षेत्रों में चीन की सख्त सेंसरशिप पॉलिसी को कमजोर कर सकता है।
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चीन की सैटेलाइट सर्विस को पश्चिमी बाजारों में प्रवेश करने की संभावना नहीं है, लेकिन रूस, अफगानिस्तान, सीरिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों जैसे क्षेत्रों में यह स्पीड पकड़ सकता है।
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अफ्रीका के 70% 4G इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हुआवेई द्वारा किया गया है, चीन इस क्षेत्र में सैटेलाइट इंटरनेट के माध्यम से अपनी पहुंच को बढ़ा सकता है।
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