Jan 6, 2025
Credit: istock
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हवाई जहाज में वाई-फाई सिग्नल सैटेलाइट या एयर-टू-ग्राउंड नेटवर्क के माध्यम से आता है।
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विमान एक सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सिग्नल प्राप्त करता है, जो पृथ्वी के ग्राउंड स्टेशनों से जुड़ा होता है।
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विमान के ऊपर लगे एंटीना सैटेलाइट से सिग्नल कैप्चर करते हैं। वहीं विमान में लगे राउटर वाई-फाई सिग्नल को यात्रियों तक पहुंचाते हैं।
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एयर-टू-ग्राउंड कनेक्शन में विमान सीधे जमीन पर स्थित टावरों से सिग्नल लेता है। हालांकि, सीमित बैंडविड्थ के कारण, इंटरनेट स्पीड आमतौर पर स्लो होती है।
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एयर इंडिया की कुछ डोमेस्टिक फ्लाइट्स में वाई-फाई की सुविधा फिलहाल फ्री है। अन्य फ्लाइट्स में WIFI सर्विस आमतौर पर पेमेंट के आधार पर उपलब्ध होती है।
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हवाई जहाज में सिग्नल की स्थिरता मौसम और उड़ान के स्थान पर निर्भर करती है। यानी मौसम गड़बड़ होगा तो सिग्नल में दिक्कत हो सकती है।
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